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शीर्षक
प्रतिलिपि
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Bearing Witness to the Karma of Slandering Saints and Consequences of Following Devils

विवरण
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और अब हमारे पास चीन से जिया-यूए का हार्टलाइन है:

परम प्रिय गुरुवर, जब मैंने आपको यह बात करते हुए सुना की कोई आपको जादू-टोने से नुकसान पहुँचा रहा है, तो मैं आपकी सुरक्षा के बारे में बहुत चिंतित हो गई और प्रार्थना की कि गुरुवर हमेशा सुरक्षित और स्वस्थ रहें। मुझे उस व्यक्ति के लिए भी खेद महसूस हुआ जिसने इस प्रकार की चीजें कीं। चूँकि मनुष्य इतने अज्ञानी हैं कि वे इस तरह के कार्य करते हैं।

हाल ही में, मैंने आपके पुराने प्रवचनों में से एक, "डायमंड प्रिंसेस" को सुना, जो एक ऐसी राजकुमारी के बारे में था जो जन्मों-जन्मों तक कुरूप पैदा होती रही क्योंकि उसने अपने पिछले जन्म में एक प्रत्येक्य बुद्ध के रूप का अनादर किया था। बाद में उसने शाक्यमुनि बुद्ध के सामने ईमानदारी से प्रायश्चित किया और परिणामस्वरूप उसका रूप बदल गया। शायद इस प्रवचन को सुप्रीम मास्टर टीवी पर प्रसारित किया जा सकता है ताकि अधिक लोग समझ सकें कि कर्म एक वास्तविक चीज़ है, और उसे करने से पहले दो बार सोचें।

इस कहानी ने मुझे पिछले साल की मेरी आंतरिक अनुभव की भी याद दिला दी। एक रात, जैसे ही मैंने अपना ध्यान समाप्त किया, कुछ देर बाद ही मैं लेट गई, मैंने गुरुवर को यह कहते हुए सुना, "जल्दी करो, बाहर जाओ और मेरे लिए कुछ करो।" वाह, मुझे बहुत धन्य महसूस हुआ। मेरा आध्यात्मिक शरीर बहुत खुशी से आकाश में उड़ गया। मैंने अचानक नीचे देखा और सोचा कि एक जगह से इतनी बड़ी आग क्यों निकल रही है। मैं करीब से देखने के लिए उड़कर गई, और यह एक पूर्व साथी दीक्षित जन निकली। मैंने खुद से कहा, “ऐसा कैसे हुआ? वह जहां भी चलती थी वहां आग की चिंगारियां निकलती थी। क्या सख्त वीगन आहार का पालन न कर पाने का यह उनका बुरा कर्म हो सकता है?” एक आवाज ने उत्तर दिया, “नहीं, यह संतों की निंदा करने का कर्म है। जल्दी से उसके बगल वाले दीक्षित को बचाने जाओ। वह दुनिया के लिए कुछ मददगार है।” फिर मैं नीचे उड़ गई और उस भाई को आकाश में खींच लिया।

वास्तविक जीवन में, मैंने उस बहन से बात की है। उसने कहा था कि उसे ईर्ष्या है कि गुरुवर के पास बहुत सारे लोग हैं जो उनकी सहायता करते हैं, इसलिए वह दुखी थी। मैंने उनसे कहा, “किसी संत की निंदा करने से बहुत बड़ा कर्म बनता है, और यह कहने की तो ज़रूरत ही नहीं है कि गुरुवर दुनिया में परमेश्वर के अवतार हैं, और उन्होंने साबित किया है कि वह इस सम्मान के योग्य हैं। और उनकी तस्वीरों को नुकसान पहुंचाना स्वयं बुद्ध को नुकसान पहुंचाने के बराबर है, जो बौद्ध धर्मग्रंथों के पांच प्रमुख पापों में से एक है, और किसी को अवीचि (एक अविरत नरक) में गिराने के लिए पर्याप्त है। कोई भी ऐसे भारी कर्म वाले व्यक्ति से संबंध रखना नहीं चाहेगा। कृपया जीवन भर प्रायश्चित करें ताकि आपके लिए आशा बनी रहे।” मैं सर्वशक्तिमान ईश्वर की आभारी हूं उनके आशीर्वाद के लिए। आख़िरकार उन्होंने वादा किया है कि वह बदल जाएगी।

मैं अंतरज्ञान से यह भी जानती थी कि कई चीजें बस दोहरा हुआ इतिहास ‍है। उसने एक बार ईर्ष्या के कारण यीशु को भी चोट पहुंचाई थी। इस जीवन में, प्रसिद्धि और धन की इच्छा से प्रेरित होकर, उसने अपनी आत्मा शैतानों को बेच दी और सुरक्षित होने का मौका खो दिया, जिसके परिणामस्वरूप उसने अपने मन पर रहा नियंत्रण खो दिया।

परम शक्तिशाली एवं करुणामय गुरुवर, आपके महान प्रेम और हर प्राणी को सुधरने का मौका देने की आपकी इच्छा के लिए धन्यवाद। मुझे आशा है कि प्रत्येक संवेदनशील प्राणी इस अनुग्रह को संजोए। कामना करती हूं कि गुरुवर का मिशन अच्छी तरह से चले, और पूरे ब्रह्मांड के सभी प्राणियों द्वारा इसे हमेशा समर्थन और महत्व दिया जाए। चीन से जिया-यूए

जानकार जिया-यूए, आपकी हार्टलाइन के लिए हमारी सराहना।

आपके साथ साँझा करने के लिए गुरुवर का एक प्रेमपूर्ण संदेश है: “प्रेमपूर्ण जिया-यूए, आपकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। यह दुखद है कि कुछ मनुष्य अंधेरे में इतने खो गए हैं कि वे किसी भी गुरु को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, जो केवल दुनिया की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। यदि हर कोई इस प्रकार के कर्म के परिणामों को समझते, तो वे इसे करने के बारे में एक सेकंड के लिए भी कभी नहीं सोचते। इससे पहले कि नरक ऐसे लोगों को उनके स्वयं और दूसरों को पहुंचाए गए सभी नुकसानों के लिए निगल लें, ये अब जाग जाएं। आपके पास सदा मेरा प्यार और गुरु-शक्ति-सुरक्षा है। मैं कामना करती हूं कि बुद्ध की कृपा से आप और विशाल चीन का उत्थान हो।"
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