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टोल्टेक के गोस्पल से- अध्याय ११ से कुछ अंश: शिक्षाएँ-2 का भाग 2

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Central to the teachings and practices of this pure religion is the principle of “ahimsa.” Ahimsa means non-violence or causing no harm to living beings. For Jains, the concept of ahimsa goes beyond the idea of not killing. It extends to no harming or insulting other people by speech or by thought. For this reason, Jain practitioners are ever vigilant to guard their thoughts. Because your thoughts are so powerful. And nowadays quantum physicists and quantum physics say: everything is energy.
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